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सांस लेना ही भूल गयी खुली हवा में जैसे साँस भी स्वीकृति चाहती है किसी की जबकि उन्मुक्तता कितनी लुभ... सांस लेना ही भूल गयी खुली हवा में जैसे साँस भी स्वीकृति चाहती है किसी की जबकि ...
है नत मस्तक जग चरणों में, इस सृष्टि की सृजाता हो। है नत मस्तक जग चरणों में, इस सृष्टि की सृजाता हो।
हाँ बेवकूफ़ ही तो हो , जो महज उनकी एक नजर के लिए, घंटों आईने के सामने गुजार देती हो .. अगर रूठ जा... हाँ बेवकूफ़ ही तो हो , जो महज उनकी एक नजर के लिए, घंटों आईने के सामने गुजार दे...