भागती भीड़ और उनकी कहानिया ... मै लिखता हूँ उन्हें .... मै लेखक हूँ |
कोई और ना रहे हम अपने अंदर ढूंढ़ रहे हैं हमीं को। कोई और ना रहे हम अपने अंदर ढूंढ़ रहे हैं हमीं को।
मैं हूं, यहीं कहीं, हर भीड़ में हर चेहरे पर। मैं हूं, यहीं कहीं, हर भीड़ में हर चेहरे पर।
चलते है, ढूंढ़ते हैं एक नया आशियाना तेरे लिए। चलते है, ढूंढ़ते हैं एक नया आशियाना तेरे लिए।