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आयी ऐसी शाम थी मैं मोम सा जल जल पिघल रहा था! आयी ऐसी शाम थी मैं मोम सा जल जल पिघल रहा था!
काश बदल पाता दुख का हर लम्हा खुशी में... काश बदल पाता दुख का हर लम्हा खुशी में...
भूल मत जाना कहींवरना फिर कयामत है,आज़ादी सुरक्षित रखो।बापू की अमानत है। भूल मत जाना कहींवरना फिर कयामत है,आज़ादी सुरक्षित रखो।बापू की अमानत है।