Always thinking something New to write
हम भी सोच लिये बंद में कहीं जाना नहीं है, चाहे खाने में नमक रोटी ही खाये हम भी सोच लिये बंद में कहीं जाना नहीं है, चाहे खाने में नमक रोटी ही खाये
सबके तरह मेरे भी कुछ सपने थे, कुछ हकीकत कुछ फ़साने थे। सबके तरह मेरे भी कुछ सपने थे, कुछ हकीकत कुछ फ़साने थे।