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माँ बनके जब माँ का किरदार जिया मैंने बचपन से अब तक की, तकलीफ़ों को महसूस किया मैंने माँ बनके जब माँ का किरदार जिया मैंने बचपन से अब तक की, तकलीफ़ों को महसूस किया...
जब कटी पतंग का अफ़साना हो भरी दोपहर। जब कटी पतंग का अफ़साना हो भरी दोपहर।