विद्यार्थी,लेखक,कवि कुछ ख्वाहिशें जुदा सी है और कुछ खफा सी है।
गहराई थी उन एहसासों में किसी नीले सागर से भी कई गुना। गहराई थी उन एहसासों में किसी नीले सागर से भी कई गुना।
मैं तुम्हारी ही थी अजेश सदा से और सदा के लिए तुम्हारी ही रहूँगी। मैं तुम्हारी ही थी अजेश सदा से और सदा के लिए तुम्हारी ही रहूँगी।