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तमाम ख़त जो उसने कभी मुझे लिखे वो कोरे के कोरे ही रहते थे.. तमाम ख़त जो उसने कभी मुझे लिखे वो कोरे के कोरे ही रहते थे..
वो भी अश्कों को बाँध मंच से वापस चला गया और लोग भी हीर रांझा में खो गए.... वो भी अश्कों को बाँध मंच से वापस चला गया और लोग भी हीर रांझा में खो गए....
सुनो कुछ दूर और साथ निभा लो पास ही किनारा है... सुनो कुछ दूर और साथ निभा लो पास ही किनारा है...
वो बात अभी भी बाकी है जिस बात में तुमने पूछा था वो बात अभी भी बाकी है जिस बात में तुमने पूछा था