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मानो उन्हें जवाब देने के लिए मेरे मुँह में जुबान भी न थी। मानो उन्हें जवाब देने के लिए मेरे मुँह में जुबान भी न थी।
वोलान्द की टीम के शिकार व्यक्तियों का आगे क्या हुआ। उपसंहार की ओर ! वोलान्द की टीम के शिकार व्यक्तियों का आगे क्या हुआ। उपसंहार की ओर !
लरज़ते होठों से अशोक ने कहा "साहब गाँव से पिताजी आये हैं।" लरज़ते होठों से अशोक ने कहा "साहब गाँव से पिताजी आये हैं।"