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जो अपरिपक्वता है जो प्रलाप है जो अधर्म है। जो अपरिपक्वता है जो प्रलाप है जो अधर्म है।
ज़िस्म तो न फ़रमान है मग़र रूह में हरसू आपका ही नूर है। ज़िस्म तो न फ़रमान है मग़र रूह में हरसू आपका ही नूर है।