I am a poet who's writing from heart
देख ये सिकन्दर अब भी वही है इश्क़ का समन्दर अब भी वही है। देख ये सिकन्दर अब भी वही है इश्क़ का समन्दर अब भी वही है।
गर करना तो फिर मुकरना भी क्या ? गर करना तो फिर मुकरना भी क्या ?
ख्वाब का घरौंदा कोई फिर से तोड़ा गया ख्वाब का घरौंदा कोई फिर से तोड़ा गया
इक चांद दिल की छत पे मेरी चढ़ता उतरता रहा इक चांद दिल की छत पे मेरी चढ़ता उतरता रहा