Yuhi likh deta hun par jo bhi likhta hun dil se likhta hun
जो मुंह मोड़ गया उसको तो भुलाना ही अच्छा जो मुंह मोड़ गया उसको तो भुलाना ही अच्छा
नफरत की आंधियों में बेगुनाहों के घर जलते हैं घनी बस्ती है फिर भी मोहब्बत को तरसत नफरत की आंधियों में बेगुनाहों के घर जलते हैं घनी बस्ती है फिर भी मोहब्ब...