I AM A EMERGING POET I LOVE TO WRITE POEMS , SHORT STORY,sher,gazal
जब से मंजिलें हुई हमारी अलग हमसे तब से तो ये रास्ते भी अलग होने लगे। जब से मंजिलें हुई हमारी अलग हमसे तब से तो ये रास्ते भी अलग होने लगे।
अब इन हालातों में दुश्मन ज्यादा और दोस्त कम मिलते है अब इन हालातों में दुश्मन ज्यादा और दोस्त कम मिलते है
अब दिखता नहीं तेरा चेहरा इन आईनों में भी बोलो पत्थरों पे गिर के बिखर जाऊँ क्या अब दिखता नहीं तेरा चेहरा इन आईनों में भी बोलो पत्थरों पे गिर के बिखर जाऊँ क्या