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थक गई हूं अब मैं अब भटकते भटकते, तेरी आंखों में चैन से सोना चाहती हूं। थक गई हूं अब मैं अब भटकते भटकते, तेरी आंखों में चैन से सोना चाहती हूं।
जहां सितारों की भीड़ में भी चांद तन्हा नज़र नहीं आता जहां सितारों की भीड़ में भी चांद तन्हा नज़र नहीं आता