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यह मधुशाला बस नाम ही काफी, जो आया, वो लौट न जाएगा। यह मधुशाला बस नाम ही काफी, जो आया, वो लौट न जाएगा।
गिल्ली-डंडा, पिट्ठू, वो लंबी दौड़, अब भी हैं यादें, बस दिल में कहीं जोड़। गिल्ली-डंडा, पिट्ठू, वो लंबी दौड़, अब भी हैं यादें, बस दिल में कहीं जोड़।
हर वादा यहाँ सिर्फ लफ्ज़ों में नहीं होता, कुछ अहसास ऐसे हैं जो लिखे जाते नहीं। हर वादा यहाँ सिर्फ लफ्ज़ों में नहीं होता, कुछ अहसास ऐसे हैं जो लिखे जाते नहीं...