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बरसों गवां दी उसके इंतज़ार में, उसी बाजार में बरसों गवां दी उसके इंतज़ार में, उसी बाजार में
कलम ,दवात ,इश्क़ ,नगमे ,अफ़साने अब मेरे हाथों में मय भरा इक प्याला है, मंदिर मस्जिद स कलम ,दवात ,इश्क़ ,नगमे ,अफ़साने अब मेरे हाथों में मय भरा इक प्याला है, म...