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खुद की खुशियों को इनने निहारा ऐसा ही एक रिश्ता हमारा। खुद की खुशियों को इनने निहारा ऐसा ही एक रिश्ता हमारा।
कुछ अनकहा सा था , जो बह गया कुछ बेपनाह सा था जो दिल में ही रह गया, अब नई मंजिलों म कुछ अनकहा सा था , जो बह गया कुछ बेपनाह सा था जो दिल में ही रह गया, ...