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धुल गए विषाद सभी और मन हो गया पावन। धुल गए विषाद सभी और मन हो गया पावन।
सफ़र मुकम्मल हो जाए यही आरजू है मेरी। सफ़र मुकम्मल हो जाए यही आरजू है मेरी।
एक दिन कहा जिंदगी ने मुझसे 'क्यों तू मुझसे शिकायत नहीं करता? क्यों तू छोटी उपलब्धियों में खुर्रम ह... एक दिन कहा जिंदगी ने मुझसे 'क्यों तू मुझसे शिकायत नहीं करता? क्यों तू छोटी उपल...
"क्या बात है वसु ,,,,,, बड़ी उदास लग रही हो ,,,,, समथिंग रोंग विद यू ? मैं कई दिनों से "क्या बात है वसु ,,,,,, बड़ी उदास लग रही हो ,,,,, समथिंग रोंग विद यू ? मैं कई दि...