I'm Suraj and I love to read StoryMirror contents.
ओ सुबह! तुम क्यों? इतनी प्यारी हो, क्यूं तुम मेरी ही दुलारी हो। ओ सुबह! तुम क्यों? इतनी प्यारी हो, क्यूं तुम मेरी ही दुलारी हो।
अब उम्मीदों से प्यार कर बैठें हैं, दिल से कुछ इस क़दर हार कर बैठें हैं। अब उम्मीदों से प्यार कर बैठें हैं, दिल से कुछ इस क़दर हार कर बैठें हैं।
बस ख्वाहिश फिर इतनी होती, काश... ऐसा.. बार बार हो जाता। बस ख्वाहिश फिर इतनी होती, काश... ऐसा.. बार बार हो जाता।
और यही लम्हा जीने के लिए मैं, बार बार लिख लेता हूं। और यही लम्हा जीने के लिए मैं, बार बार लिख लेता हूं।