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जिसके कल्पना मात्र से सिहर उठता मैं ! जिसके कल्पना मात्र से सिहर उठता मैं !
कब ये बेड़ियाँ बन जाये पता नहीं चलता कब ये बेड़ियाँ बन जाये पता नहीं चलता