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थोड़ा तो सब्र रखो देखो आज मोर भी बोल रहा है। रिमझिम बारिश का कहीं आग़ाज़ नहीं है थोड़ा तो सब्र रखो देखो आज मोर भी बोल रहा है। रिमझिम बारिश का कहीं आग़ाज़ नहीं...
माँ की गोद तब याद आती है , जब औरों के काम तले अपनी रोटी ठंडी पड़ जाती है । माँ की गोद तब याद आती है , जब औरों के काम तले अपनी रोटी ठंडी पड़ जाती है ।
कौन हूँ मैं एक बेटी एक पत्नी या एक माँ जीवन की जद्दोजहद में कहीं खो सी गई हूँ मैं। कौन हूँ मैं एक बेटी एक पत्नी या एक माँ जीवन की जद्दोजहद में कहीं खो सी गई हूँ...