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तारों की रात हो सकती थी जो ना हुई तो गम क्यों ? तारों की रात हो सकती थी जो ना हुई तो गम क्यों ?
एक दरस को मैं तरसती हूँ तुम्हें क्या पता अजी तुम्हें क्या पता। एक दरस को मैं तरसती हूँ तुम्हें क्या पता अजी तुम्हें क्या पता।
कुछ चेहरे पे मुस्कराए... तो किसी को हम ज़रूरत में याद आए। कुछ चेहरे पे मुस्कराए... तो किसी को हम ज़रूरत में याद आए।
"नटराज" सा मन है नाच गया, "नटवरी" भी नैन बिछाए रे। "नटराज" सा मन है नाच गया, "नटवरी" भी नैन बिछाए रे।