Baichain VM
Literary Captain
12
Posts
0
Followers
1
Following

A creative writer, artist from Bangalore . Reading, travel, and cooking are my hobbies. Socializing is my nature

Share with friends

बात की शुरुआत कुछ इस तरह से कि "प्रेम की हुई झमाझम तो सार्थक हुआ प्रणय-मन-जीवन".... सत्य भी है कि स्नेह की बरसात जब होती है तो उसमें तन औऱ मन दोनों ही सराबोर हो जाते हैं......... गौरतलब है कि तन की आर्द्रता भले ही कुछ समय बाद शुष्क हो जाये लेकिन मन की आर्द्रता बनी रहती है, लम्बे समय तक.......... सिर्फ महसूस करने की बात है, औऱ कुछ नही✍️

सफलता, रौशनी, पाना और कमाना आमतौर पर हम इन्ही सब के बारे में कहते, सुनते और सुनाते आये हैं, एक success story के रूप में।लेकिन हम दरकिनार कर जाते हैं असफलता, अँधेरे, खोना और गंवाने को,मतलब जो सफल हुए वो नाम पा गये और जो असफल हुए वो अनाम रह गए। गौरतलब है, कि कोई ऐसा क्षेत्र नही जहाँ नाकामी न हो, बावज़ूद इसके, कोई भी नाक़ाम कोशिश शाबाशी की उतनी ही हक़दार है, जितनी कि कामयाबी✍️

ये मामला खुद में बड़ा दिलचस्प है कि "कोई न आये न जाये-मग़र फिर भी दिल में पाबन्द हो जाये"..... जब न खिड़की है न दरवाज़ा फिर भी किरायेदार आये और कब्ज़ा जमाये तो फिर ये तो वही बात हुई कि.... न हम चले न वो चले फिर भी चलते गए, न जाने कब दिल मिले और मिलते गये। दिल हमारा रफ्ता-रफ्ता उनके होते गए, वो"बेचैन" पा गये चैन और हम खोते गए।।

सत्य है यही कि रंग हमारे ऊपर पहले से ही चढ़ा हुआ है और होली के रंगों का इंतजार करते हैं. होली में लगे रंगों को छुटाते हैं और अपने ऊपर लगे रंग को छुटाना ही नहीं चाहते. एक ओर तो रंग का इंतजार करते हैं और दूसरी ओर रंगों से नफरत भी करते हैं.....✍️

सत्य है यही कि रंग हमारे ऊपर पहले से ही चढ़ा हुआ है और होली के रंगों का इंतजार करते हैं. होली में लगे रंगों को छुटाते हैं और अपने ऊपर लगे रंग को छुटाना ही नहीं चाहते. एक ओर तो रंग का इंतजार करते हैं और दूसरी ओर रंगों से नफरत भी करते हैं.....✍️

आज की दुनिया में जरूरत ही एक दूसरे को आपस में बांधे रखती है, आमतौर पर। क्योंकि दुनिया की इस भीड़ में हम सब एक दूसरे से बंधे हुए भी अलग-अलग चल रहे हैं, कहीं न कहीं✍️बेचैन

यूं कि मुश्किल बहुत है फिर भी क्या हर्ज है कि अगर हम किसी को सम्पूर्ण रूप से आत्मसात करने में असमर्थ पाते हैं तो बेहतर है उसी में खुद को आत्मसात कर लें.... लेकिन यह बात कहने में जितनी सरल है अपनाने में उतनी ही मुश्किल भी है। किसी भी चीज को आत्मसात कर लेना निहायत ही मुश्किल भरा काम होता है क्योंकि इसमें अपने हर अस्तित्व के विलयन की प्रक्रिया का आरंभन और समापन करना होता है....✍️

सामाजिक सोच का रेखांकन हर कोई अपने विचार और अनुभव के आधार पर किया करता है जो सभी पर बेशक 100 प्रतिशत समान रूप से लागू नहीं होता। बात कुछ हद तक आपसी मतभेद पर भी निर्भर करती है क्योंकि क्रिया प्रतिक्रिया का वैज्ञानिक नियम यहां पर भी लागू होता है कि एक पक्ष के द्वारा की गई क्रिया पर प्रतिपक्ष द्वारा प्रतिक्रिया करना ही मतभेद या वैमनस्य का कारण बनता है।

इंसान एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसको स्वाभाविक रूप से प्रेम की भूख सबसे ज्यादा लगती है, कभी कभी तो पेट की भूख से भी ज्यादा,.....✍️


Feed

Library

Write

Notification
Profile