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बात की शुरुआत कुछ इस तरह से कि "प्रेम की हुई झमाझम तो सार्थक हुआ प्रणय-मन-जीवन"....
सत्य भी है कि स्नेह की बरसात जब होती है तो उसमें तन औऱ मन दोनों ही सराबोर हो जाते हैं.........
गौरतलब है कि तन की आर्द्रता भले ही कुछ समय बाद शुष्क हो जाये लेकिन मन की आर्द्रता बनी रहती है, लम्बे समय तक..........
सिर्फ महसूस करने की बात है, औऱ कुछ नही✍️
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