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क्यों खड़े हैं हम अलग थलग, एक अजनबी की तरह। क्यों खड़े हैं हम अलग थलग, एक अजनबी की तरह।
तुमसे मिलने को शायद मैं बेमतलब ही लालायित थी। तुमसे मिलने को शायद मैं बेमतलब ही लालायित थी।