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पगड़ी सिर पर है प्रकृति की, अति सार्थक तेरा ‘हलधर’ नाम पगड़ी सिर पर है प्रकृति की, अति सार्थक तेरा ‘हलधर’ नाम
हे लघुमानव, नारे लगाएँगे तेरे लिए, मानवीयता की मूर्ति, तेरे के लिए। हे लघुमानव, नारे लगाएँगे तेरे लिए, मानवीयता की मूर्ति, तेरे के लिए।