नारायणी .... मेरी अपनी कमाई हुई पहचान
उस पर बैठी हँस रही सुनहले पंखों वाली तितलियां उस पर बैठी हँस रही सुनहले पंखों वाली तितलियां
विरह रंगों से सजा आंगन व्याकुल होगा तुम्हारे पदचिन्ह के लिए ! विरह रंगों से सजा आंगन व्याकुल होगा तुम्हारे पदचिन्ह के लिए !