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सोये हुए हैं जगा रहे, जगे हुए हैं सोये। समझ नहीं हम पा रहे, खुश होवें या रोयें।। सोये हुए हैं जगा रहे, जगे हुए हैं सोये। समझ नहीं हम पा रहे, खुश होवें या रोये...
अब केउ न मितवा से हाथ मिलइहइं, प्रियतम के अपने न गरवा लगइहइं अब केउ न मितवा से हाथ मिलइहइं, प्रियतम के अपने न गरवा लगइहइं
संयम से यदि ना रहे, फँस जाओगे भाई। कोरोना के जाल से, न केउ सके बचाई।। संयम से यदि ना रहे, फँस जाओगे भाई। कोरोना के जाल से, न केउ सके बचाई।।