कवि, लेखक,वक्ता
खाकी खुद शर्मिंदा है----------------। खाकी खुद शर्मिंदा है----------------।
लहू से रंगीन होने वाली वो, मैं रवानी भी लिख सकता हूँ। लहू से रंगीन होने वाली वो, मैं रवानी भी लिख सकता हूँ।
यह जन्नत है मेरी और मन्नत भी मेरी, है कैसी भले ही पर माँ है यह मेरी। यह जन्नत है मेरी और मन्नत भी मेरी, है कैसी भले ही पर माँ है यह मेरी।