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भोजन की सुगन्ध से बाहर कुत्तों की भीड़ बढ़ने लगी। भोजन की सुगन्ध से बाहर कुत्तों की भीड़ बढ़ने लगी।
मैं समझ गई सर को भी इस विषय में जानकारी नहीं हैं मैं समझ गई सर को भी इस विषय में जानकारी नहीं हैं
कहीं नहीं रोयेगी बेटी, प्रण इसी के साथ है। कहीं नहीं रोयेगी बेटी, प्रण इसी के साथ है।
यह सुनकर तो मैं चलने के लिये खड़ा हो गया। यह सुनकर तो मैं चलने के लिये खड़ा हो गया।
महामारी के समय मानव समाज का दायित्व एक जुट होकर समस्या से जूझने का है महामारी के समय मानव समाज का दायित्व एक जुट होकर समस्या से जूझने का है