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ये तेजाब तेरे इश्क पे था, जिस पे तुम इतराते थे बड़े कायर निकले। ये तेजाब तेरे इश्क पे था, जिस पे तुम इतराते थे बड़े कायर निकले।
ये तेजाब तुम्हारी कायरता थी क्या स्वीकार कर पाओगे। ये तेजाब तुम्हारी कायरता थी क्या स्वीकार कर पाओगे।
चाहूं भी तो कैसे , ऐतबार आ जाये तुम्हें बंदिशें हैं जमाने की। .. चाहूं भी तो कैसे , ऐतबार आ जाये तुम्हें बंदिशें हैं जमाने की। ..