मंचीय कवयित्री , स्वतंत्र लेखन , वीर रस की कवयित्री
ताण्डव नर्तन अब थाम लीजिए शिव शम्भू। ताण्डव नर्तन अब थाम लीजिए शिव शम्भू।
तुम छांव सी लगती हो ज़िंदगी की घनी धूप में माँ धरती पर ईश्वर देखे हैं मैंने तेरे स्वर तुम छांव सी लगती हो ज़िंदगी की घनी धूप में माँ धरती पर ईश्वर देखे हैं मैंने ...