मैं एक दुरसंचार विभाग में अभियन्ता हूँ ।
जो कुछ भी घटती है घटना, कुछ ना कुछ तो कहती है। जो कुछ भी घटती है घटना, कुछ ना कुछ तो कहती है।
खतरे में है, बालक तेरे, दानव हमारे है सिर पे खड़ा है ईश्वर! मेरे सखा, एक तु ही है आसरा। खतरे में है, बालक तेरे, दानव हमारे है सिर पे खड़ा है ईश्वर! मेरे सखा, एक तु ही...
पर एक वचन में दे रहा हूँ, कभी छोड़ तुझे ना जाऊंगा। पर एक वचन में दे रहा हूँ, कभी छोड़ तुझे ना जाऊंगा।