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गुनगुनी धूप की लालिमा लिए, मनभावन बसंत ऋतु आई। गुनगुनी धूप की लालिमा लिए, मनभावन बसंत ऋतु आई।
रात एक ख्वाब आंखों में धुआं धुआं जल रहा था ! रात एक ख्वाब आंखों में धुआं धुआं जल रहा था !