Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

इच्छित जी आर्य

Children Stories

4  

इच्छित जी आर्य

Children Stories

जंगी मकौड़े

जंगी मकौड़े

3 mins
448


राधेनगर गांव के बिल्कुल पड़ोस में एक जंगल था। जंगल में छोटे-बड़े कई तरह के जानवर और पक्षी रहते थे। उन ढेर सारे जानवरों में एक चिड़िया भी थी, जो पेड़ पर घोसला बनाकर रहती थी।


रोज सुबह-सुबह वो चिड़िया अपने घोसले से उड़कर जाती थी। फ़िर सब जगह घूम-घूमकर, हर जगह से इकट्ठा करके अपने बच्चों के लिए खूब सारा खाना लेकर आती थी। उस चिड़िया के कई सारे बच्चे थे जो उसी घोसले में रहते थे। अपने प्यारे बच्चों के लिए लाया हुआ सारा खाना चिड़िया वहीं घोसले में छोड़ देती और बच्चों से बोलती कि जिसको जो पसंद आए, वो बच्चा वो चीज खा ले। बच्चों को सब समझाकर, वो फिर अपने काम के लिये घोसले से उड़कर चली जाती।


माँ जब फिर से काम पर चली जाती, तो सारे बच्चे मिलकर थोड़ा-थोड़ा करके सारा खाना खा डालते। फिर भी माँ के लाये हुए इतने सारे में से थोड़ा-बहुत खाना तो रोज ही बच जाता था। तो बच्चे फ़िर क्या करते? जो खाना बच जाता, उसको वो अपने घोंसले से नीचे बाहर फेंक देते थे!बचा हुआ खाना जब जमीन पर गिरकर पड़ा रहता, तो उसको खाने के लिये खूब सारे छोटे-छोटे कीड़े इधर-उधर से पेड़ के नीचे आ जाते। फ़िर उन छोटे-छोटे कीड़ों को खाने के लिए जंगल के और बड़े-बड़े कीड़े और कई सारे जानवर धीरे-धीरे करके वहाँ घोसले के नीचे, पेड़ के पास इकट्ठा होने लगे।


फ़िर एक दिन जब चिड़िया रोज की तरह खाना इकट्ठा करने के लिए घोसले से उड़कर गई, घोंसले के नीचे इकट्ठा होने वाले उन खूब सारे बड़े-बड़े कीड़ों और छोटे-छोटे जानवरों में से कुछ चिड़िया के घोसले तक जा पहुंचे। उन्हें लगा था जब इतना सारा खाना, रोज़ घोसले के ऊपर से नीचे फेंका जाता है, तो खूब सारा ऐसा ही खाना घोसले के ऊपर भी होगा।


वो सब कीड़े और जानवर तो ऊपर खाना ढूंढने आये थे, पर वहाँ तो केवल चिड़िया के बच्चे रहते थे। इतने सारे छोटे-छोटे जानवरों और बड़े-बड़े कीड़ों को घोसले में आया देखते ही चिड़िया के बच्चे डर करके चीं-चीं, चीं-चीं करके चिल्लाने लगे। इतने में ही बच्चों की चिड़िया-माँ घोसले में वापस लौट आई!


माँ को सामने आया देखकर, अभी तक डरे हुए बच्चे खूब खुश हो गए। फिर जैसे ही माँ ने डरे हुए बच्चों को समझाया, सारे बच्चों ने मिलकर घोसले में घुस आए सारे जानवरों और कीड़ों को पीट-पीटकर वहां से भगा दिया।


अपने बच्चों की इस बहादुरी पर माँ ने उनको खूब शाबाशी दी। उसके बाद चिड़िया माँ ने अपने उन बच्चों को समझाया, कि बच्चों, अगर तुम लोग ऐसे ही मिलकर काम करोगे, कोई भी तुम लोगों को कभी परेशान नहीं कर पायेगा। पर साथ में ये भी ध्यान रखना कि कभी खाना बर्बाद नहीं किया जाता और कभी भी कचरे वाली गन्दगी को अपने घर के इर्द-गिर्द नहीं फैलाया जाता। इससे गंदे खाने को खाने वाले गंदे जानवर कभी हमको परेशान करने हमारे पास नहीं आते। बच्चे एक बार में माँ की बात समझ गये और फ़िर उस दिन के बाद से कभी कोई कीड़ा चिड़िया के बच्चों को परेशान करने उस पेड़ के ऊपर चढ़कर नहीं आया।


Rate this content
Log in

More hindi story from इच्छित जी आर्य