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Anu Gangwal

Children Stories Drama

4.0  

Anu Gangwal

Children Stories Drama

पंचतंत्र की कहानियां

पंचतंत्र की कहानियां

1 min
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बचपन से बड़ा होने का सफर बिना किताबों के भला कहा पूरा हो पाता है मेरा बचपन किताबों के साथ बीता और स्टोरी मिरर ने उन सभी मेमोरी को फिर से याद दिला दिया तो शुरू करते है आज की कहानी। जिसकी लाठी उसकी भैंस


एक गांव में सीताराम नाम का एक आदमी रहता था जो दूध बेचकर घर का गुजारा करता था वह बहुत ईमानदार और मेहनती था जिसके कारण गाँव के सभी लोग उसी से दूध खरीदते थे उसका व्यापार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा था। तो सीताराम ने सोचा, क्यूँ ना एक नई भैंस खरीदी जाए जिससे और दूध बेचा जा सके, सीताराम ने भैंस खरीदी और घर की और निकल पड़ा, रास्ते में एक डाकू ने उसे लाठी दिखाकर भैंस को ले लिया। बेचारा सीताराम परेशान हो गया फिर उसे तरक़ीब सूझी। सीताराम ने डाकू से कहा आपने मेरी भैंस तो ले ली पर यदि ये लाठी मुझे दे दोगे तो में अपनी बीबी को दिखा सकता हूँ कि मैं खाली हाथ नहीं आया। डाकू ने कहा बहुत मूर्ख हो ये लो लाठी तब सीताराम ने डाकू पर लाठी से वार किया और अपनी भैंस ले ली। डाकू की लाठी मांगने पर सीताराम ने कहा कैसी लाठी जिसकी लाठी उसकी भैंस।


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