विद्यार्थी मनोगत -अभंग रचना
विद्यार्थी मनोगत -अभंग रचना
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काय सांगू बाई। शाळेप्रति ओढ।
मला तिची जोड। स्वर्ग भासे।।धृ।
गुरुविण ज्ञान। मिळणे कठीण।
दोघांची ही वीण। तुटो नाही।। १।।
मी ना एकलव्य। ना निपुण शिष्य।
तुमचे ते भाष्य। देते ज्ञान।। २।।
शाळा माझी देवा। सुरु कर आता।
न्हाऊ देरे नाथा। ज्ञानगंगी।। ३।।