वाकई कभी कभी अनजाने सफ़र मे भीं एक अनजाना सा रिश्ता कितना अज़ीज़ बन जाता है। वाकई कभी कभी अनजाने सफ़र मे भीं एक अनजाना सा रिश्ता कितना अज़ीज़ बन जाता है।