सूर्यप्रभा, राजकुमार का प्रेम देखकर द्रवित हो उठी,वो स्वयं को भाग्यशाली समझ रही थी! सूर्यप्रभा, राजकुमार का प्रेम देखकर द्रवित हो उठी,वो स्वयं को भाग्यशाली समझ रही ...
सच्चे प्यार को कोई बांध नहीं सकता, यह उस दिन एहसास हुआ। सच्चे प्यार को कोई बांध नहीं सकता, यह उस दिन एहसास हुआ।