अपवित्र कर दिया तुमने मन्दिर को,अब सारा मन्दिर गंगाजल से धुलना पड़ेगा! अपवित्र कर दिया तुमने मन्दिर को,अब सारा मन्दिर गंगाजल से धुलना पड़ेगा!
प्रेम बिलकुल कला के प्रकार जटिल और व्यक्तिपरक होता है। प्रेम बिलकुल कला के प्रकार जटिल और व्यक्तिपरक होता है।