प्रभा जब थोड़ी सी बड़ी हुई तब वह अपनी मन की छवि कैनवास पर बनाने लगी। प्रभा जब थोड़ी सी बड़ी हुई तब वह अपनी मन की छवि कैनवास पर बनाने लगी।