यहां तो ज़िन्दगी ही दांव पर लगी पड़ी है, रिश्तों की कौन कहे। यहां तो ज़िन्दगी ही दांव पर लगी पड़ी है, रिश्तों की कौन कहे।
उन्हें विभिन्न मानव षड्यंत्रों में सहयोग करने के लिए प्रशिक्षित करता था। उन्हें विभिन्न मानव षड्यंत्रों में सहयोग करने के लिए प्रशिक्षित करता था।