शायद खीरे का हश्र देख कर ही कभी अपने मुख से कड़वे बोल नहीं निकाले। वो अंत तक गजबराम जी शायद खीरे का हश्र देख कर ही कभी अपने मुख से कड़वे बोल नहीं निकाले। वो अंत तक गजब...