एक और बार भीतर से खाँसने की आवाज़ ने शुभ के साथ मायरा की नज़रों ने गुफ्तगू की। एक और बार भीतर से खाँसने की आवाज़ ने शुभ के साथ मायरा की नज़रों ने गुफ्तगू की।