वेबीनार
वेबीनार
अक्षय ऊर्जा में हालिया रुझान: अवसर और चुनौतियों पर आयोजित हुई वेबीनार।
गुरु जंभेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के इलेक्ट्रिकल विभाग के अंतर्गत आयोजित हुई वेबीनार, जो कि अक्षय ऊर्जा के वर्तमान परिदृश्य में अवसर और चुनौतियों पर आधारित एक मंथना थी। जिसमें अक्षय और नवीन ऊर्जा के बारे में एक विराट और सार्थक मंथना की गई। इस समारोह के मुख्य अतिथि गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कंबोज थे और साथ ही साथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अवनीश वर्मा, ए.आई.सी.टी.ई नई दिल्ली के एफ.डी.पी. के डायरेक्टर कर्नल बी. वेंकट इस समारोह में विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित थे, वही इस समारोह कि मुख्य वक्ता सी.ए.आर.ई आईआईटी दिल्ली, प्रोफेसर मोनिका अग्रवाल थी। वही एस.ई.टी की अधिष्ठात्री, प्रोफेसर सरोज और विश्वविद्यालय के एफ.डी.पी कोऑर्डिनेटर डॉक्टर संदीप आर्य की गरिमामय उपस्थिति भी थी।यह वेब समारोह गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल विभाग की अध्यक्षा डॉ प्रीति प्रभाकर के स्वागत संबोधन से प्रारंभ हुआ, जिसमें अध्यक्षा ने इस पूरे समारोह की रूपरेखा को सभी उपस्थित अतिथि और छात्रों के बीच रखा। सभी सम्मानित अतिथियों का छात्रों से परिचय और समारोह के विषय को भी इंगित किया। डॉ प्रीति ने सभी अतिथि और छात्रों को इस वेब समारोह में उपस्थिति के लिए धन्यवाद कहा और आज के परिदृश्य में अक्षय ऊर्जा और नवीन ऊर्जा के महत्व को और उस में होने वाले नवीन अनुसंधान एवं उपलब्धियों को भी को ही सभी के सामने रखा। उनके बाद मुख्य अतिथि प्रोफेसर बी.आर. कंबोज ने अपना वक्तव्य एवं संबोधन सभी को प्रदान किया और समारोह के इस महत्वपूर्ण विषय पर अपनी विवेचना दी, इसके महत्ता को पटल पर प्रदर्शित किया। उन्होंने छात्रों से आवाहन किया कि छात्र ज्यादा से ज्यादा अक्षय ऊर्जा पर अनुसंधान करें और स्वच्छ ऊर्जा का अनुकरण करें।
फिर समारोह को आगे बढ़ाते हुए गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के एफ.डी.पी. कोऑर्डिनेटर डॉ संदीप आर्य ने समारोह में अपनी बातों को रखा और विषय पर अपनी मंथना प्रस्तुत की, उन्होंने समारोह के विषय की विराटता को सबके सामने रखा और फिर एफ.ई.टी अधिष्ठात्री प्रोफेसर सरोज ने अपना वक्तव्य दिया और विषय पर अपनी बात को रखा। उन्होंने अक्षय ऊर्जा पर हो रहे कामों को पटल पर रखा और चल रही गतिविधियों से पूरे समारोह को अवगत करवाया। साथ ही साथ उन्होंने समारोह के लिए सभी को शुभकामनाएं भी दी। उनके संबोधन के बाद समारोह के विशिष्ट अतिथि और विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अवनीश वर्मा ने अपनी बात को समारोह के पटल पर रखा और इसकी महत्ता से सभी को अवगत करवाया।और पर्यावरण में होने वाले बदलाव की ओर अपनी चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में हो रहे हैं बदलाव को कुछ हद तक अक्षय ऊर्जा के प्रयोग से ही रोका जा सकता है। और उन्होंने इस क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने की भी बात कही और विश्वविद्यालय इस विषय पर क्या विचार रखता है वह भी सभी के सामने प्रस्तुत किया। उनके बाद विशिष्ट अतिथि ए.आई.सी.टी.ई. नई दिल्ली के एफ.डी.पी के निर्देशक कर्नल बी. वेंकट ने एक विस्तृत वक्तव्य सभी छात्रों और उपस्थित अतिथियों के बीच प्रस्तुत कीया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, नवीन अनुसंधान और दुनिया में हो रहे अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव को, सभी के सामने अपने वक्तव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने छात्रों को इस विषय पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई और चुनौतियों में अवसर ढूंढने का का मूल मंत्र भी दीया। उनके बाद आज के कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर मोनिका अग्रवाल ने अक्षय ऊर्जा पर अपना एक विस्तृत वक्तव्य और प्रस्तुति सभी के सामने साझा की, अपनी प्रस्तुति में विषय की सारी विराटताओं को समझाते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने अक्षय ऊर्जा के महत्व, चुनौती और अवसर पर अपनी बात रखी, साथ ही साथ क्षेत्र में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण विषयों को सबके सामने रखा और किन क्षेत्रों में कार्य बाकी है उससे भी पूरे पटेल को अवगत करवाया। विषय की गहराई को सभी के सामने प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बहुत ही आसानी से सभी के सामने अपनी बातों को रखा और अंत में विश्वविद्यालय और विभाग का उन्होंने धन्यवाद किया। और सभी उपस्थित छात्रों को अपनी शुभकामनाएं प्रस्तुत की। और अंत में इलेक्ट्रिकल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमित सरोहा ने सभी के सामने धन्यवाद प्रस्ताव रखा और उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथिगण, मुख्य वक्ता, बाकी अतिथियों और सारे छात्रों का पूरे विभाग की तरफ से धन्यवाद किया और समारोह की सफलता की उद्घोषणा की ।
