तो हम क्लोज़ फ्रेंड्स हैं ना !!
तो हम क्लोज़ फ्रेंड्स हैं ना !!
- हम दोस्त हैं ना !
- हां यार, ऐसे क्यों बोल रही है ?
- नहीं बस कन्फर्म कर रही थी।
- कतई बकलोल है तू।
- हम्म।
- क्या हुआ ! ठीक है ना तू ?
- एक बात बताएगा , सच सच।
- हां, पूछ ना !
- हम कैसे वाले फ्रेंड्स हैं ?
- मतलब !
- मतलब कि जस्ट फ्रेंड्स या क्लोज़ फ्रेंड्स ?
- उम्मम, उतना सोचा नहीं।
- सब कहते हैं, स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन के फ्रेंड्स ही रियल फ्रेंड्स होते हैं। एकदम जिगरी वाले।
- ऐसा नहीं है। फ्रेंड्स तो कभी भी बनते हैं।
- सिर्फ फ्रेंड !
- देख, तेरे से ना हर टाइप की बातें कर लेता हूं, वैसी किसी से नहीं करता। तू समझ रही है ना !
- हां।
- एकदम से क्या हुआ तुझे आज ?
- मैं सोच रही थी, फ्यूचर में तेरी पार्टनर होगी तो तू सब उस से शेयर करेगा।
- ऐसा ज़रूरी थोड़े होता है, कोई हार्ड एंड फास्ट रूल है क्या ?
- नहीं यार सब करते हैं। यू नो प्रायोरिटी चेंज हो जाती है।
- हां, वो तो हो जाती है। इट्स नॉर्मल, तेरी भी होगी।
- तो पार्टनर मिल जाएगी तो फ्रेंड को भूल जाएगा क्या !
- ओह ओह ! जाने तू या जाने ना।
- हां, पर बोल ना, भूल जाएगा क्या ?
- नहीं रे, ऐसा नहीं होगा।
- हम्मम।
- अब क्या ?
- मुझे ना सारी फ्रेंडशिप वाली मूवीज़, वेब सीरीज तेरे साथ देखनी है। नई पुरानी सब की सब।
- तो देखेंगे ना ! उस में क्या है ?
- ट्रिप पे भी चलेगा मेरे साथ !
- बुकिंग तू कराएगी तो चलूंगा।
- भक्क अच्छा चल डील।
- ये हुई ना बात।
- अच्छा सुन, मैं तुझे मिस कर रही हूं।
- सही बकलोल है तू, कॉल करूं !
- हां कर।
- हैलो
- हां हैलो, तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई यूं ही नहीं दिल लुभाता कोई जाने तू या जाने ना