स्वर्ग या नर्क
स्वर्ग या नर्क
एक गांव में एक टीना नाम की लड़की रहती थी। वह काफी खूबसूरत थी, रास्ते चलते हर कोई एक न एक बार उसे पलट कर जरूर देखता था। कुछ साल बाद बगल के गांव के एक व्यक्ति से इसकी शादी हो गई। वह काफी अमीर था और अच्छा खासा कमाता था। लड़की ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी परंतु उसे इस बात का कोई गम नहीं था क्योंकि उसका पति कमाता था। एक दिन उसके पति की मृत्यु हो गई रोड एक्सीडेंट में।
उसके घर में धीरे-धीरे धन कम हो गया, एक दिन ऐसा आया कि अनाज का एक अंश तक नहीं बचा। वह बाहर काम खोजने निकली चुॅकी वह ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी तो उसे अच्छा काम नहीं मिला। तब एक किराना दुकान पर जाकर बोली दुकानदार से बोली आप मुझे अनाज दो मैं बदले में आप जो कहोगे सारा काम कर दूंगी। दो-तीन दिन बाद दुकानदार ने उसका शोषण करने लगा, वह दुखी होकर वहां से भाग गई। दूसरे जगह काम करने गई, फिर वहां भी उसे इसी शोषण से गुजरना पड़ा, तीसरी जगह भी वही हुआ। फिर वह एक दिन सोचा जब मुझे यही काम करना है तो यह काम तो मैं अपने घर पर रहकर भी कर सकती हूं।
वह अपने घर पर ही काम करने लगी। उसके घर के आगे एक पूजारन रहती थी। पूजारन को टीना का चाल - चलन खलने लगा। उसके घर जिस दिन जितने व्यक्ति आते उतना कंकर एक गमले में वह डाल देती थी। वह गमला धीरे-धीरे भर गया, और एक दिन उस पूजारन की मौत हो गई। कुछ दिन बाद टीना की भी मौत हो गई। वह दोनों ऊपर गई। टीना को स्वर्ग मिला और पूजारण को नर्क। पूजारण ने प्रभु से पुछा, मैंने तीनों काल में बस आपका श्मरण किया है और यह इतने पाप किया है , फिर इसको स्वर्ग और मुझे नर्क क्यों? भगवान बोले टीना ने अपना कर्म किया है और तुम दूसरों के जीवन में ताकने- झांकने का काम किया।