राम नवमी : मर्यादा की प्रभा
राम नवमी : मर्यादा की प्रभा
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अयोध्या में बजे बधाई, राम जन्म का शुभ दिन आया,
धरती गगन पुलकित हुए, हर कोना दीपों से जगमगाया।
कौशल्या माँ की गोद में, जब प्रकटे रघुनंदन राम,
धर्म, करुणा, सत्य की लौ, जग में फैला निष्काम धाम।
शांत सरल सौम्य स्वरूप, पराक्रम में अग्नि समान,
अयोध्या का दीपक वो, रच गए मर्यादा की जान।
वनगमन स्वीकार किया, पिता के वचन निभाने को,
न्याय हेतु युद्ध किया, अधर्म को मिटाने को।
सीता संग रघुनंदन रमे, लक्ष्मण सुमन समर्पण,
हनुमत भक्ति प्रकट करे, निर्मल भावों का दर्शन।
राम नवमी का यह दिन, हमें यही संदेश दे जाए,
जीवन में मर्यादा रखो, सत्य सदा पथ दिखलाए।
राम विराजें अंतर्मन में, प्रेम-प्रकाश के साथ सजे,
हर हृदय की अयोध्या में, रामनाम की ज्योति बहे।
