Gurudeen Verma

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मेरा जीवन

मेरा जीवन

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मेरा जीवन परिचय


मेरा जन्म राजस्थान के बारां जिले की बारां तहसील के एक छोटे से गांव ठूँसरा में 1 जुलाई 1975 को एक अत्यंत ही गरीब किसान परिवार में हुआ है 

मेरे पिताजी का नाम श्री घांसीलाल और मॉं का नाम श्रीमती नैनकी बाई है। लेकिन मेरे माता- पिता दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। मेरे 4 भाई और 1 बहिन है। मेरा एक भाई सरकारी इंजीनियर और एक सरकारी रिटायर्ड शिक्षक है। एक प्राइवेट नौकरी करता है और एक मेरा भाई जो मुझसे छोटा है ,गांव में खेती करता है। 


मेरी प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8 तक) मेरे गांव के ही राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुई। मैंने सेकेंडरी परीक्षा मेरे गांव से 8 किमी दूर राजकीय माध्यमिक विद्यालय, रटावद से उत्तीर्ण की तथा हायर सेकंडरी परीक्षा विज्ञान वर्ग (जीवविज्ञान)में राजकीय फतेह उच्च माध्यमिक विद्यालय , उदयपुर से है। मैंने स्नातक (कला में)प्राइवेट रूप में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय , अजमेर से उत्तीर्ण किया है तथा दो वर्षीय शिक्षक प्रशिक्षण कोटा के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से किया है।


   मैं एक सरकारी शिक्षक हूँ जो अभी वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नांदिया , तहसील - पिण्डवाड़ा , जिला - सिरोही(राजस्थान)में पदस्थापित हूँ।

मुझको इस सरकारी नौकरी में आने के लिए कई प्रकार की कठिन आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि मेरे पिताजी एक गरीब किसान होने के कारण मुझको खुद खेतीबाड़ी और मजदूरी का काम भी करना पड़ा तथा 12 वर्ष तक प्राइवेट स्कूल में भी पढ़ाना पड़ा। 

मैंने खुद 7 वर्ष तक बेरोजगारी का सामना करना पड़ा और इस बेरोजगारी में कई प्रकार की कठिन आर्थिक , सामाजिक , पारिवारिक एवं मानसिक परिस्थितियों और प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।

 वर्तमान में मेरे एक छोटे से परिवार मेरी पत्नी और छोटी बेटी के साथ सिरोही जिले की पिण्डवाड़ा तहसील में रहता हूँ।

मैं बाल विवाह, दहेज़ प्रथा, मृत्यु भोज ,बाल मजदूरी, पर्दा प्रथा आदि के खिलाफ हूँ और यही कारण है कि मैंने बिना दहेज के विवाह किया है और मृत्यु भोज मैंने आज से 30 वर्ष पहले से छोड़ दिया है तथा बाल विवाह मेरा नहीं हुआ है और पर्दा प्रथा हमारे परिवार में सख्त नहीं है।

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साहित्यिक उपलब्धियां- (नवम्बर 021 से मार्च 022 तक)

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(A)काव्य मंचों की संख्या जिन पर ऑनलाइन काव्य पाठ किया(26)

(B)ऑनलाइन काव्य पाठ एवं अन्य से प्राप्त सम्मान पत्रों की संख्या (30)

(C)उन मासिक पत्रिकाओं की संख्या जिनमें रचनायें प्रकाशित हुई है(30)

(D)उन समाचार पत्रों की संख्या जिनमें रचनायें प्रकाशित हुई है(20)

(E)अप्रैल 022 तक खुद की प्रकाशित पुस्तकों की संख्या(5)


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