मैंने देखा है एक सपना
मैंने देखा है एक सपना
अभिषेक चाँद पर पहुँचने ही वाला था कि एक एग्री ऐगंरीवर्ड मिला। उसने अभिषेक से पूछा, - “तुम्हें जाना मना है" । अभिषेक - ने पूछा “मगर वो क्यों ?” “यदि तुम समय से पहले आए तो यमराज मुझे छोड़ेगा नहीं” एग्री दुखित होते हुए बोला। "अरे! मैं यमराज के पास नहीं, बल्कि चाँद के पास जा रहा हूँ", अभिषेक हँसते हुए बोला। एग्री बोला, "अरे सच में, मैं भी चलूँगा। अगर यमराज देख लेगा तो वो जाने नहीं देगा, दरअसल एक बार मेरा भाई चाँद पर गया था। वहाँ चाँद पर बैठी अम्मा उसे चाँद पर लेकर चली गई और उससे काम करवाती है, इसलिए मैं उसे बाहर निकालना चाहता हूँ।” अभिषेक बोला, “एक काम करो, पैराशूट में तुम मेरे घुसकर बैठ जाओ, मैं तुम्हें चाँद पर ले चलूँगा।” एग्री ने वैसे ही किया और दोनों चाँद पर पहुँच गए। चाँद पर पहुँच कर वे बूढ़ी अम्मा को खोज रहे थे। तभी जोर से आवाज आई और दोनों धड़ाम से चाँद में घुस गए। जब दोनों उठे तो एक पेड़ के नीचे थे वो बूढ़ी अम्मा बेग्री से काम करवा रही थी।
अभिषेक ने एग्री से कहा, “एग्री, तुम पेड़ पर से ये पत्थर फेंकना, वो ऊपर देखेगी। तब मैं ये परफ्यूम उसके चेहरे पर डाल कर भाग लूँगा।" एग्री बोला, "ठीक है।"
दोनों ने वैसा ही किया। अब अभिषेक की बारी परफ्यूम मारने की थी जो मार चुका था, लेकिन वो अभी भी आँख मल ही रही थी। और अभिषेक को बाथरूम भी लगा था। उसने सोचा "यदि मैं इसे दुबारा परफ्यूम नहीं मारूंगा तो यह पकड़ लेगी। इसलिए उसने दुबारा परयूम मारकर बेहोश कर दिया। एग्री और बेग्री बोले, “बहुत-बहुत धन्यवाद। अभिषेक, चलो अब घर चलते हैं"। तभी अभिषेक बोला “भाई, मैं अभी आया दो नंबर से।” तभी दोनों भाई हँसते हुए बोले " अरे! जाओ न ।” फिर बाद में तीनों अपने घर चले गए। सुबह हुई अभिषेक की नींद खुली। वो बेड पर बैठा अँगड़ाई ले ही रहा या कि बिस्तर पर कुछ गीला लगा। उसने देखा तो उसके मुँह से निकला “ले लोटा” उसने कुछ सोचा, फिर आयरन निकाला और बिस्तर पर आयरन रगड़ना शुरू कर दिया। और जल्दी से नहा-धोकर तैयार हो गया। लेकिन घर की प्रधानमंत्री ने देख लिया और जाकर सबको बताने लगी। अभिषेक ने भी अपने दोस्तों को रात का सपना बताया, लेकिन उसने सुबह की बात नहीं बताई। लेकिन उसकी दीदी ने शायद सबको बता दिया और अभिषेक का यह सबसे पहला सपना था, जो उसे बहुत अच्छा लगा था।
