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Sudhir Kumar

Children Stories

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Sudhir Kumar

Children Stories

मासूम उम्मीद

मासूम उम्मीद

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शहर के बाहर स्लम एरिया में बिल्कुल एक नुक्कड़ में एक झुग्गी शांत सी नज़र आ रही थी।आठ वर्षीय रवि टूटे हुए खिलौने से खेल रहा था।रवि की मां चूल्हे पर चावल पकाने में लगी हुई थी। कुछ दूरी पर स्थित एयरपोर्ट से झुग्गी के उपर से एक जहाज गुजरा तो रवि ने ऊपर देखते हुए कहा," मां! कितना बड़ा जहाज है।एक दिन मैं भी इस जहाज में बैठ कर अपनी झुग्गी के उपर से जाऊंगा। मां,तू मुझे नीचे से टाटा करना।और ऊपर से हमारी झुग्गी चींटी सी दिखेगी"।

मां ने रवि की बात सुनकर उसकी तरफ देखा और देखती रह गई। और उधर ऊपर से जहाज बहुत दूर जा चुका था।


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